अब बैंक से कैश निकालने पर लिमिट तय, जानें इनकम टैक्स के नए नियम New Banking Rule

New Banking Rule : अगर आप बैंक से नकद लेन-देन करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग के नए नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने कैश निकासी पर नई सीमा तय कर दी है, जिससे टैक्स चोरी पर रोक लगाई जा सके। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इन नए नियमों के तहत आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और यह बदलाव आपके वित्तीय लेन-देन पर कैसे असर डालेगा।

बैंक से कैश निकालने पर नई लिमिट क्या है?

भारत सरकार और इनकम टैक्स विभाग ने नकद लेन-देन को पारदर्शी बनाने के लिए कैश निकालने की सीमा तय कर दी है। इसके तहत:

  • ₹20 लाख से अधिक सालाना नकद निकासी पर पैन कार्ड अनिवार्य होगा।
  • ₹1 करोड़ से अधिक नकद निकासी करने पर टीडीएस (TDS) लागू होगा।
  • बैंकिंग सिस्टम को डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • अगर कोई व्यक्ति साल में ₹1 करोड़ से अधिक नकद निकालता है, तो 2% की दर से टीडीएस काटा जाएगा।
  • अगर किसी का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया गया है और नकद लेन-देन अधिक हो रहा है, तो जांच हो सकती है।

इनकम टैक्स के नए नियमों का उद्देश्य

सरकार इन नियमों के जरिए कई बड़े उद्देश्यों को पूरा करना चाहती है, जैसे:

  • टैक्स चोरी पर लगाम लगाना: अधिक नकद लेन-देन से कई बार टैक्स चोरी की संभावना रहती है।
  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना: डिजिटल ट्रांजैक्शन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है।
  • बेनामी संपत्तियों पर नजर: अधिक नकद लेन-देन से अक्सर अवैध संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की जाती है।

नए नियमों से आम लोगों पर प्रभाव

अगर आप अपने बैंक खाते से नकद निकासी करते हैं, तो इन नियमों का सीधा असर आप पर पड़ सकता है।

  • छोटे कारोबारियों के लिए मुश्किलें: जो व्यापारी अधिकतर नकद लेन-देन पर निर्भर रहते हैं, उन्हें अब डिजिटल मोड अपनाने की जरूरत होगी।
  • सामान्य लोगों के लिए सुरक्षित ट्रांजैक्शन: कम नकद लेन-देन होने से वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाएं भी कम होंगी।
  • बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता: डिजिटल भुगतान से सरकारी रिकॉर्ड में हर ट्रांजैक्शन दर्ज होगा।

कैश लेन-देन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण नियम

इनकम टैक्स विभाग ने नकद लेन-देन को सीमित करने के लिए पहले से ही कई महत्वपूर्ण नियम लागू किए हैं।

  • ₹2 लाख से अधिक नकद लेन-देन पर रोक: कोई भी व्यक्ति एक बार में ₹2 लाख से अधिक नकद लेन-देन नहीं कर सकता।
  • ₹50,000 से अधिक की नकद निकासी पर पैन कार्ड अनिवार्य: बड़ी नकद निकासी पर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिए यह नियम लागू किया गया है।
  • ₹10,000 से अधिक की नकद सैलरी का भुगतान नहीं: कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे कर्मचारियों को नकद में सैलरी का भुगतान न करें।

नए नियमों से बचने के लिए क्या करें?

अगर आप नए बैंकिंग नियमों के कारण किसी परेशानी से बचना चाहते हैं, तो निम्नलिखित सुझाव अपनाएं:

  1. डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दें: UPI, NEFT, RTGS और IMPS का अधिक से अधिक उपयोग करें।
  2. बैंकिंग लेन-देन का रिकॉर्ड रखें: किसी भी तरह के बड़े नकद लेन-देन से बचें और सभी वित्तीय ट्रांजैक्शन का सही रिकॉर्ड रखें।
  3. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करें: अगर आप अधिक नकद निकासी कर रहे हैं, तो समय पर ITR फाइल करना न भूलें।
  4. बैंक से सलाह लें: बैंक से जुड़े नियमों की पूरी जानकारी लें और नियमों का पालन करें।

निष्कर्ष

इनकम टैक्स विभाग के नए बैंकिंग नियमों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करना है। अगर आप नकद निकासी पर लगाए गए नए नियमों को समझकर सही तरीके से पालन करते हैं, तो किसी भी परेशानी से बच सकते हैं। डिजिटल लेन-देन अपनाकर आप न केवल सुरक्षित रहेंगे, बल्कि सरकार की पारदर्शी वित्तीय प्रणाली में भी सहयोग देंगे।

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